सुप्रभात,
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकों, अभिभावकों और मेरे प्रिय साथियों,
आज हम सभी यहाँ भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के इस शुभ अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन केवल उत्सव का नहीं, बल्कि हमारे संविधान की महत्ता को याद करने, अपने कर्तव्यों पर विचार करने और देश के प्रति समर्पण का संकल्प लेने का है।
26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था। इस दिन भारत एक स्वतंत्र, संप्रभु और सबसे बड़ा लोकतांत्रिक गणराज्य बना। हमारे संविधान निर्माता, जिनमें प्रमुख थे डॉ. भीमराव अंबेडकर, ने जो मार्गदर्शन दिया है, वही आज भी हमें प्रेरणा देता है। हमारा संविधान न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धांतों पर आधारित है, जो हर भारतीय का मार्गदर्शन करता है।
भारत की उपलब्धियाँ:
आज इस मंच पर खड़े होकर हमें गर्व महसूस होता है कि हमारा देश कितनी दूर तक पहुंचा है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत ने दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। चंद्रयान और गगनयान मिशन से लेकर नवीकरणीय ऊर्जा में नेतृत्व तक, हमारा देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। हमारे सैनिक, पुलिसकर्मी और नागरिक हमारे देश को सुरक्षित और स्वतंत्र बनाए रखने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं।
विविधता में एकता:
हमारी विविधता ही हमारी ताकत है। भारत विभिन्न भाषाओं, धर्मों, संस्कृतियों और परंपराओं का देश है, लेकिन हम सभी एक हैं। यही हमारी पहचान है – विविधता में एकता। आज के दिन, हम यह संकल्प लें कि इस एकता को बनाए रखेंगे और एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सहिष्णुता बनाए रखेंगे।
चुनौतियाँ और जिम्मेदारियाँ:
हालांकि हमने बहुत कुछ हासिल किया है, लेकिन अभी भी गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी और पर्यावरण से जुड़े मुद्दे हमारे सामने हैं। इन चुनौतियों का समाधान करने की जिम्मेदारी हम सबकी है। हम युवाओं को यह संकल्प लेना होगा कि हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करेंगे और एक ऐसा भारत बनाएंगे जो समृद्ध, समावेशी और प्रगतिशील हो।
नागरिकों की भूमिका:
हमारे अधिकारों के साथ-साथ हमारे कर्तव्य भी जुड़े हुए हैं। हमें एक ऐसा समाज बनाना है जहां हर व्यक्ति सुरक्षित, सम्मानित और सशक्त महसूस करे। छोटी-छोटी अच्छी आदतें, अन्याय के खिलाफ खड़े होना और अपने कर्तव्यों का पालन करना हमारे देश को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
समापन:
आज इस गणतंत्र दिवस पर, आइए हम यह प्रतिज्ञा करें कि हम अपने संविधान के मूल्यों को हमेशा बनाए रखेंगे। हम एक ऐसा देश बनाएंगे जहां हर नागरिक के पास समान अवसर हों और वह देश की प्रगति में योगदान दे सके।
अंत में, महात्मा गांधी जी के इन शब्दों को याद रखें:
“आप वही परिवर्तन बनें जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।”
आइए, हम सब मिलकर ऐसे बदलाव करें जो भारत को महान बनाए।
धन्यवाद, और आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जय हिंद!